कद्दू की सब्जी

कद्दू , कुम्हड़ा इसे कई नामों से पुकारा जाता है। आज जानते हैं इसके फायदे और इसकी सब्जी बनाने के तरीका । इसकी मीठी --खट्टी और सादी दोनों ही तरीको से बनी सब्जी स्वादिष्ट लगती है। अगर कद्दू का छिलका हरे और पीले रंग का है तो इसका छिलका उतारने की कोई जरूरत ही नहीं है। कद्दू को मध्यम आकार में काट कर साफ पानी में धोले। अब एक कड़ाही में सरसों का तेल डाल कर उसे अच्छे से तब तक गर्म करें जब तक उसमें से धुआं न निकलने लगे। अब तेल में मेथी दाना, जीरा, हींग डालकर तड़कने दें।अब उसमें कद्दू डालकर अच्छे से भून लें। अब उसमें हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर और स्वाद अनुसार नमक मिला कर एक प्लेट से ढक दें।गैस की आँच हल्की ही रखें। बीच - बीच में प्लेट हटा कर देखते जाएं कि सब्जी गली या नही । अगर आप मीठी सब्जी बनाना चाहते हैं तो उसमें जब कद्दू गल जाये तो अन्दाज से थोड़ी सी चीनी डाल दें। चीनी घुलने पर उसमे नींबू या अमचूर पाउडर मिलाकर गैस बंद कर दे और अगर सादी सब्जी बना रहे हो तो उसमें आप टमाटर भी डाल सकते हैं और नींबू या अमचूर पाउडर भी डाल सकते हैं। इसकी सब्जी में अगर मसाले तीखें हो तो ज्यादा स्वाद आता है। वैसे आप कम मसालों में भी इसे बनायेंगे तो भी स्वादिष्ट बनेगी।
 ठंडक पहुंचाने वाला होता है। इसे डंठल की ओर से काटकर तलवों पर रगड़ने से शरीर की गर्मी खत्म होती है। कद्दू लंबे समय के बुखार में भी असरकारी होता है। इससे बदन की हरारत या उसका आभास दूर होता है। कद्दू का रस भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

यह मूत्रवर्धक होता है और पेट संबंधी गड़बड़ियों में भी लाभकारी रहताहै। यह खून में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करने में सहायक होता है और अग्नयाशय को भी सक्रिय करता है। इसी वजह से चिकित्सक मधुमेह के रोगियों को कद्दू के सेवन की सलाह देते हैं।

कद्दू के बीज भी बहुत गुणकारी होते हैं। कद्दू व इसके बीज विटामिन सी और ई, आयरन, कैलशियम मैग्नीशियम, फॉसफोरस, पोटैशियम, जिंक, प्रोटीन और फाइबर आदि के भी अच्छे स्रोत होते हैं। यह बलवर्धक, रक्त एवं पेट साफ करता है, पित्त व वायु विकार दूर करता है और मस्तिष्क के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके  छिलके में भी एंटीबैक्टीरिया तत्व होता है जो संक्रमण फैलाने वाले जीवाणुओं से रक्षा करता है। इस सब्जी में 'पेट' से लेकर 'दिल' तक की कई बीमारियों के इलाज की क्षमता है।

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